Description
आंख में बलगम बनने और पानी के फैलने से होने वाले रोग का उपचार।
लक्षण कारण और उपचार।
- कबूतर/पक्षी की आंखों में बलगम बनने का रोग।
- कबूतर/पक्षी के बच्चे की आंखों में रेशा बनने का रोग।
- कबूतर/पक्षी में आँखों से पानी आने से होने वाले रोग।
- यह संक्रामक नेत्र रोग कबूतर/पक्षी में सबसे आम है।
- यह संक्रामक नेत्र रोग ज्यादातर कबूतर/पक्षी शिशुओं को प्रभावित करता है।
- यदि आपके कबूतर/पक्षी को आंख की फैलने वाली बीमारी हो रही है, तो आपको समझना चाहिए कि वायरस आपके कबूतर/पक्षी और उसके पिंजरे में भी है।
- आंखों की बीमारी फैलने का एक मुख्य कारण यह भी है कि कई बार आप लोग जो कबूतर/पक्षी को बाहर किसी से भी लाकर अपने कबूतर/पक्षी में छोड़ देते हो ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि उसमें वायरस होता है लेकिन अगर आपको नहीं पता तो यह आंखों की बीमारी उसके कारण भी अक्सर आती जाती है।
- एक कारण यह भी है कि बरसात के मौसम में हमारे मचान/लाफट के अंदर पानी जाने के कारण और उसमें में अत्यधिक नमी के कारण कबूतर/पक्षी में यह रोग आ जाता है।
आई रिलीफ – आई ड्रॉप। दवा की बूंदों को 3 से 5 दिनों के लिए सुबह और शाम आंखों में डालें। पहले दिन से ही पक्षी को राहत मिलेगी।
नोट: – यह एक उपचारक दवा है – वायरस की रोकथाम के लिए नही। वायरस की रोकथाम के लिए इसके साथ ओर दवा का भी उपयोग करना पडता है।
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