लक्षण उपचार एवं लाभ
- खाना कम खाना।
- मूह जा नाक नाक में रेशा बनना।
- वजन घटना।
- कुछ ही दिनों में बहुत कमज़ोर हो जाना।
- कुछ ही दिनों में मृत्यु।
- गर्दन का मरोड़ की बिमारी। (लकवा)
- गर्दन का मरोड़ की बिमारी। (झोला)
- दस्त होना।
- सुस्त और मौन रहेंगे।
यह बिमारी ठीक होगी।
- पोट बंद।
- पाचन समस्या.
- छींक आना।
- हेक्सामिटियासिस।
- ट्राइकोमोनिएसिस।
- कफनाशक।
- पैरामाइक्सोवायरस।
- दस्त।
- ई कोली।
3 से 5 दिन (अधिकतम 7 दिन) में वायरल बीमारी की रोकथाम होगी।
महत्वपूर्ण लेख:
उपचार शुरू करने से पहले सुबह कबूतर पोट/पेट की जाँच करें। यदि उसके पेट में कल का भोजन अधिक मात्रा में जमा हो गया है। अगर उसे खाना नहीं पचा हो तो दो से तीन बार सामान्य पानी देकर उसका पेट साफ करें व अनाज को बाहर निकाल दें (कबूतर को उल्टी करानी पड़ेगी) आधे घंटे बाद कबूतर को फिर से कुछ हल्का दाना चुगना होगा और फिर इलाज शुरू करना होगा.
सामान्य रोग उपचार विधि, अनुसूची और अवधि।
मात्रा: 5 से 10 ग्राम दवा कबूतर के पीने के पानी में मिलाएं।
- साधारण बीमारी में यह दवा दिन में दो बार देनी होती है। यह उपचार आपको 3 से 5 दिन और ज्यादा से ज्यादा 7 दिन तक करना होगा।
- दाना खिलाने के बाद दवा का पानी दें सुबह और शाम को।
वायरल रोग उपचार विधि, अनुसूची और अवधि।
मात्रा: 5 से 10 ग्राम चूर्ण कबूतर के पीने के पानी में मिलायें।
- यदि कोई वायरल बीमारी है, मान लीजिए कि यह बीमारी कबूतरों में लगातार फैल रही है, तो आपको इस दवा के पानी को कबूतर के पास उसके मचान/पिंजरे में हर समय रखना होगा।
- सावधान रहें कि पानी में गंदगी (बीठ) न जाये।
- यह उपचार आपको 3 से 5 दिन और ज्यादा से ज्यादा 7 दिन तक करना होगा।
- उपचार के दौरान सामान्य पानी न दें।
- दाना खिलाने के बाद ही दवा का पानी दें।
यदि आपको इस दवा के संबंध में कोई अन्य जानकारी चाहिए। मुझे इस व्हाट्सएप नंबर पर हिंदी/अंग्रेजी/पंजाबी में टेक्स्ट संदेश भेजें। +91-94639-90900
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